एक मुलाकात ज़ूबी जी के साथ

introduction:- आज मैंने अपनी दोस्त ज़ूबी जो कि मेरे साथ ही लखनऊ विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के 2nd sem. की एक छात्रा हैं मुलाकात की और उनके साथ मैंने कुछ समय बिताया । मुलाकात के दौरान मैंने ज़ूबी जी से बहुत सारी बातें की जिसमे मैंने उनसे जुड़ी हुई उनकी ज़िंदगी के अब तक के कुछ आसान से प्रश्न पूछें जो मैं आप सभी के साथ साझा करना चाह रहा हूँ। • जूबी जी आप कहाँ रहती हैं मैं 10 वर्षो से ज्यादा समय से लखनऊ में रह रही हूँ । • आप कहाँ की रहने वाली हैं मेरा अपना घर सीतापुर में है,यहां मैं अपनी चाची के साथ अलीगंज में रहती हूँ । • आपके परिवार में कितने सदस्य हैं मेरे परिवार में मम्मी,एक बड़ा भाई और एक छोटा भाई है।मेरे पापा की 2009 में death हो गयी थी । • सुनकर अफसोस लेकिन अंकल की death कैसे हुई थी पापा की death हार्ट अटैक से हुई और मैं उस समय 9th standard में थी । • अच्छा जूबी जी इतनी छोटी उम्र में पापा को खोने के बाद आपने स्वयं को उस स्थिति से कैसे निकाला उस समय तो मैं काफी depressed में रहने लगी थी और मुझे बहुत लंबे समय तक कुछ भी अच्छा नही लगता था लेकिन धीरे-धीरे समय बीतने के साथ वो कहते हैं न कि वक़्त सारे घाव भर देता है । •अच्छा जूबी आप अक्सर नींद में लगती है क्लास में भी अधिकतर आप खोयी-खोयी रहती हैं ऐसा क्यों नही इसकी कोई खास वजह तो नही लेकिन मेरा दिमाग स्थिर नही रहता और मैं रात को देर तक जागती भी हूँ इसलिए । •कोई खास आपके जीवन में जिससे आप देर रात तक chat करती मुस्कुराते हुए अरे नही मुझको रात में पढ़ने का शौक है । • आप किस तरह के नॉवेल पढ़ना पसन्द करती हैं मैं अधिकतर fiction पढ़ती हूँ । • जूबी जी आप विश्वविद्यालय में आती तो गेट no.1 से लेकिन जाती 2no. से हैं हाँ वो जब मैं ऑटो से आती हूँ तो मुझको ज्यादा नजदीक पड़ता है । •लेकिन आप तो स्कूटी से आती थी हाँ अभी कुछ समय से मैं ऑटो से ही आती हूँ । • आप के पैर में चोट लगी वो कैसे हाँ मेरा एक्सीडेंट हुआ था मैं गाडी चलाते वक़्त भी कुछ न कुछ सोचती रहती हूँ । • अच्छा जूबी जी आपका जर्नलिज्म की फील्ड में आने कुछ खास प्लान या एम हां मुझको पढ़ने के साथ-साथ लिखने का भी शौक है ये फील्ड मुझे अच्छी लगी और इसी में आगे carrier बन जाये । • आप प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक किस मीडिया में जाना चाहेंगी हां मैं प्रिंट मीडिया में जाना चाहती हूँ । • अच्छा जूबी जी आपका विश्वविद्यालय में सबसे अच्छा दोस्त कौन बना अब तक दोस्त मैं कम बनाती हूँ और यहाँ मैं सभी से बात करती हूँ। अच्छा दोस्त ऐसा कुछ भी नहीं । • जूबी जी आपसे बात करके मुझको बहुत अच्छा लगा आपको भविष्य के लिए बहुत सारी शुभकामनायें धन्यवाद । धन्यवाद आपका भी। Conclusion:-
जूबी जी से बात करके मैंने उनको जितना समझा वो मैं आपको अपने शब्दों में बयां करता हूँ कि जूबी ने कुछ ऐसे पल देखे जिसके कारण वो गंभीर प्रवत्ति की हैं। जूबी आपको अधिक लोगों से बात करना या बिना मतलब के बात करना नहीं पसंद है।इसीलिए आपके दोस्तों की संख्या कम है।आपने जिस तरह से कम उम्र में अपने पिता को खोया और उस स्थिति से खुद को निकाला ये बात आपकी गंभीरता को प्रदर्शित करती है क्योंकि जीवन में कभी भी एक बच्चे के प्रति माता-पिता के प्यार का दायरा नहीं होता और उनका कम उम्र में खोना एक बच्चे के लिए उसके पूरे जीवन में खालीपन का एहसास कराता है।अच्छी बात यह है जूबी जी कि आपका अपना एक सिमित दायरा है।यही कारण है कि आप किसी से अपने सीक्रेट शेयर करना पसंद नही करती।आपको भविष्य की कुछ खास चिंता नहीं क्योंकि आप वर्तमान में जीती हैं और उसी में इतना खोयी रहती हैं कि लोगों को यह अनुभव होता है कि आप ज्यादातर तनाव में रहती हैं।

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