कविता

हाथों में हाथ लिए बढ़ चले हम, जिंदगी के हर पड़ाव पर। मंजिल के हर रास्ते पर।। हाथों में हाथ लिए बढ़ चले हम, दुःख की इन घड़ियों में। सुख के हर एक लम्हे में।। हाथों में हाथ लिए बढ़ चले हम, आसमान की ऊँचाई तक। समुन्दर सी गहराई तक।। हाथों में हाथ लिए बढ़ चले हम, हाथों में हाथ लिए। बस अब बढ़ चले हम।।

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